जियो ब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट ने भारतीय म्यूचुअल फंड बाजार में अपनी एंट्री कर ली है। कंपनी का मुख्य फोकस नए अवसरों में हिस्सेदारी लेना, टेक्नोलॉजी से लागत कम करना और डिजिटल डायरेक्ट मॉडल अपनाना है। यह कंपनी जल्द ही 5 नए फंड्स और इन्वेस्टमेंट विकल्पों की पूरी रेंज पेश करेगी।
भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में ‘जियो ब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट’ के आने से एक नई चर्चा शुरू हो गई है। मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक के बीच 50:50 की यह साझेदारी, बाजार में बहुत सोच-समझकर कदम बढ़ा रही है। जियो ब्लैकरॉक की रणनीति पहले जैसी आक्रामक नहीं है, जब जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में धमाकेदार एंट्री की थी। कंपनी का मानना है कि म्यूचुअल फंड की दुनिया में सिर्फ बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने से ज़्यादा ज़रूरी, मुनाफा कमाना भी है।
कंपनी के MD और CEO सिड स्वामीनाथन ने ‘ईटी’ से बातचीत में बताया है कि, “हमारा मकसद सिर्फ मार्केट शेयर हासिल करना नहीं है। हम मुनाफे में रहना भी उतना ही जरूरी मानते हैं, और इसमें कीमतों की रणनीति की बड़ी भूमिका होगी।”
मार्केट शेयर छीनने के बजाय, नए ग्रोथ में हिस्सेदारी चाहिए
सिड स्वामीनाथन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य पहले से मौजूद कंपनियों से मार्केट शेयर छीनना नहीं है। वे उन नए विकास अवसरों का हिस्सा बनना चाहते हैं जो आने वाले समय में बाजार में दिखेंगे। स्वामीनाथन ब्लैकरॉक में लगभग दो दशक तक अलग-अलग फंड मैनेजमेंट भूमिकाओं में रहे हैं और करीब एक साल पहले भारत वापस आए हैं।
ग्राहकों को कुछ नया और उपयोगी मिलेगा
कंपनी की योजना ऐसे फंड्स और प्रोडक्ट्स लाने की है जो बाजार में मौजूद अन्य विकल्पों से अलग हों और निवेशकों के लिए वाकई उपयोगी साबित हों। वे ऐसी सेवाएं देना चाहते हैं जो निवेशकों को कुछ अतिरिक्त ‘वैल्यू’ प्रदान करें।
टेक्नोलॉजी से कम होगी लागत
जियो ब्लैकरॉक का ‘अलादीन’ नामक टेक प्लेटफॉर्म, फंड मैनेजमेंट की लागत को कम करने में मदद करेगा। कंपनी का कहना है कि इस लागत बचत का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे निवेश करना और किफायती हो सकता है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री इस बात पर करीब से नज़र रख रही है कि क्या जियो ब्लैकरॉक टेलीकॉम की तरह ही सस्ती स्कीमें लाकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा।
स्वामीनाथन ने कहा, “डिजिटल माध्यम से फाइनेंस से जुड़े फैसले लेने का चलन बढ़ रहा है। हम इसी डायरेक्ट डिजिटल मॉडल के साथ शुरुआत कर रहे हैं, क्योंकि अभी यह सबसे सही तरीका लगता है। भविष्य में ज़रूरत पड़ने पर हम दूसरे विकल्पों पर भी विचार करेंगे।”
शानदार शुरुआत: ₹17,800 करोड़ जुटाए
कंपनी ने हाल ही में तीन डेट स्कीम (ओवरनाइट, लिक्विड और मनी मार्केट फंड) लॉन्च की थीं, जिनसे उसे ₹17,800 करोड़ का निवेश मिला। हालांकि कंपनी ने इस पर सीधे कुछ नहीं कहा है, पर माना जा रहा है कि इसमें रिलायंस ने भी निवेश किया है।
90 से ज़्यादा संस्थागत निवेशक जुड़े
स्वामीनाथन ने बताया कि शुरुआत में ही 90 से अधिक अलग-अलग संस्थाओं ने इसमें पैसा लगाया है। यह दिखाता है कि कंपनी की पहुंच काफी व्यापक और विविध है।
SIFs और AIFs की पूरी रेंज भी पेश करेगी कंपनी
अब कंपनी जल्द ही पांच और इंडेक्स फंड लॉन्च करने वाली है, जिनमें चार इक्विटी और एक फिक्स्ड-इनकम फंड शामिल होगा। कंपनी का लक्ष्य है कि भविष्य में वह इंडेक्स और एक्टिव फंड्स, डेटा-ड्रिवन फंड्स, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs), स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (SIFs) और ऑल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) की पूरी रेंज पेश करे।
क्या कंपनी कोई अधिग्रहण करेगी?
इस सवाल पर स्वामीनाथन ने कहा कि अभी इस बारे में सोचना जल्दबाज़ी होगी। फिलहाल वे बाजार को समझ रहे हैं और फिर समय के साथ आगे की रणनीति तय करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में किसी भी विकल्प को खारिज नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि कंपनी का लक्ष्य भारत में लंबे समय तक एक मजबूत और भरोसेमंद म्यूचुअल फंड ब्रांड बनना है, पर इसके लिए समय लगेगा और सीखने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी।